एक डाकू ने एक मकान में डाका डाला, घर के सारे गहने, पैसे एक जगह पर इकठ्ठा करने के बाद उसने मकान मालिक के सामने एक बड़ा
सा छूरा निकालते हूए कहा, "चल
जल्दी से बोल, बाकि माल कहाँ
छुपा रखा है, नहीं तो इस छूरे
से तेरे कान काट
दूंगा!"
मकान मालिक ने कहा, "साहब मुझ पर रहम करो मैं बहुत गरीब आदमी हूँ, मेरे पास यही सामान है और कुछ नहीं है!"
डाकू ने फिर से कहा, "मैं तीन तक गिनता हूँ, नहीं तो मैं तेरे कान काट दूंगा!"
मकान मालिक बोला, "लो तिजोरी की चाबी ले लो साहब, लेकिन मेरे कान ना काटो, नहीं तो मैं अंधा हो जाऊंगा!"
डाकू आश्चर्यचकित होकर बोला, "कान काटने के बाद तू ज्यादा से ज्यादा बहरा हो सकता है लेकिन अंधा कैसे होगा?"
मकान मालिक बोला, "साहब कान काटने के बाद मैं अपना चश्मा कैसे पहनूंगा!"
मकान मालिक ने कहा, "साहब मुझ पर रहम करो मैं बहुत गरीब आदमी हूँ, मेरे पास यही सामान है और कुछ नहीं है!"
डाकू ने फिर से कहा, "मैं तीन तक गिनता हूँ, नहीं तो मैं तेरे कान काट दूंगा!"
मकान मालिक बोला, "लो तिजोरी की चाबी ले लो साहब, लेकिन मेरे कान ना काटो, नहीं तो मैं अंधा हो जाऊंगा!"
डाकू आश्चर्यचकित होकर बोला, "कान काटने के बाद तू ज्यादा से ज्यादा बहरा हो सकता है लेकिन अंधा कैसे होगा?"
मकान मालिक बोला, "साहब कान काटने के बाद मैं अपना चश्मा कैसे पहनूंगा!"
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