शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

कुदरत ने औरतों को हसीन बनाया;

कुदरत ने औरतों को हसीन बनाया;
खूबसूरती दी;
चाँद सा चेहरा दिया;
हिरनी सी आँखे;
मोरनी सी चाल;
रेशम जैसे बाल!
कोयल जैसे मीठी आव़ाज!
फूलों सी मासुमियत दी;
गुलाब से होंठ;
शहद सी मिठास दी;
प्यार भरा दिल दिया;
फिर जुबान दी;
और फिर इन सबका सत्यानाश हो गया।
जब भी इन्होंने अपना मुंह खोला, बस हर वक़्त टे टे टे टे टे टे टे टे टे...

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