बेटा: पापा 'पॉलिटिक्स' क्या है?
बाप: तेरी माँ घर चलाती है उसे सरकार मान लो!
मैं कमाता हूँ मुझे कर्मचारी मान लो
कामवाली काम करती है उसे मजदूर मान लो!
तुम देश की जनता!
छोटे भाई को देश का भविष्य मान लो!
बेटा: अब मुझे 'पॉलिटिक्स' समझ में आ गयी पापा!
कल रात मैंने देखा की कर्मचारी मजदूर के साथ किचन में मज़े ले रहा था!
सरकार सो रही थी!
जनता की किसी को फ़िक्र नहीं थी और देश का भविष्य रो रहा था!
बाप: तेरी माँ घर चलाती है उसे सरकार मान लो!
मैं कमाता हूँ मुझे कर्मचारी मान लो
कामवाली काम करती है उसे मजदूर मान लो!
तुम देश की जनता!
छोटे भाई को देश का भविष्य मान लो!
बेटा: अब मुझे 'पॉलिटिक्स' समझ में आ गयी पापा!
कल रात मैंने देखा की कर्मचारी मजदूर के साथ किचन में मज़े ले रहा था!
सरकार सो रही थी!
जनता की किसी को फ़िक्र नहीं थी और देश का भविष्य रो रहा था!
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