एक
मैं
हूं
जो
तुम्हें
निभा
रहा
हूं
लेकिन
अब,
पानी
सर
से
ऊपर
जा
चुका
है
इसलिए
‘आत्म-हत्या’ करने जा रहा हूं।’ पत्नी बोली –‘ठीक है, लेकिन हमेशा की तरह आज मत भूल जाना, और लौटते समय दो किलो आटा जरूर लेते आना। पत्नी ने पति से कहा — ‘तुम रोज-रोज नदी में छलांग लगाने की कहते हो लेकिन आज तक तुमने छलांग लगाई? ‘ पति बोला — चेलैंज मत कर वरना करके दिखा दूंगा, अभी मैं तैरना सीख रहा हूं जिस दिन आ जाएगा छलांग भी लगा दूंगा।’
पति
बोला
— अगर
तू
इतनी
ही
परेशान
है
तो
मुझे
छोड़
क्यों
नहीं
देती,
ये
पति-पत्नी का रिश्ता तोड़ क्यों नही देती। पत्नी बोली — इतनी जल्दी भी क्या है मेरे साजन भोले, पहले तेरी सारी संपत्ति
मेरे
नाम
तो
हो
ले।
पत्नी
ने
सुबह-सुबह पति को जगाया पति बड़बड़ाया
– ‘दो
मिनट
बाद
नहीं
जगा
सकती
थी
ऎसी
भी
क्या
जल्दी
थी
कितना
अच्छा
सपना
दिख
रहा
था,
राजा
हरिशचंद्र
बना
मैं
और
मेरा
परिवार
चौराहे
पर
बिक
रह
था।’
पत्नी
बोली
— ‘फिर,
दो
मिनट
में
वहां
कौनसी
तुम्हारे
लिए
रोटी
सिक
लेती,’
वह
बोला
— बेवकूफ,
रोटी
सिकती
या
न
सिकती
पर
दो
मिनट
में
कम
से
कम
तू
तो
बिक
लेती।’
एक
डाकू
ने
एक
मकान
में
डाका
डाला।
घर
के
सारे
गहने,
पैसे
एक
जगह
पर
इकट्ठा
करने
के
बाद
उसने
मकान
मालिक
के
सामने
एक
बड़ा-सा छुरा निकालते हुए कहा, ‘चल जल्दी से बोल, बाकी माल कहां छुपा रखा है, नहीं तो इस छुरे से तेरे दोनों कान काट दूंगा, समझा! मकान मालिक ने कहा, ‘डाकू जी मुझपर रहम करो मैं बहुत गरीब आदमी हूं, मेरे पास यही सामान है और कुछ नहीं है।’ डाकू ने फिर से कहा, ‘मैं तीन तक गिनता हूं, नहीं तो मैं तेरे कान काट दूंगा!’ मकान मालिक बोला, ‘लो तिजोरी की चाबी ले लो साहब, लेकिन मेरे कान ना काटो, नहीं तो मैं अंधा हो जाऊंगा!’ डाकू आश्चर्यचकित
होकर
बोला,
‘कान
काटने
के
बाद
तू
ज्यादा
से
ज्यादा
बहरा
हो
सकता
है,
लेकिन
अंधा
कैसे
होगा?’
मकान
मालिक
बोला,
‘साहब
कान
काटने
के
बाद
मैं
चश्मा
कैसे
पहनूंगा?’
Ek aadmi bhagwaan se bola, “india se
usa tak pakki sadak banwa dijiye.”
Bhagwan bole, “mushkil hai kuch aur maang lo.” Aadmi
bola,
“To phir aap meri biwi ko samajhdaar aur aagyakari bana
dijiye.”
Bhagwan bole, “sadak single banana hai ya double.”